कैमरे की नज़र में जो आया
सत्र २०००-२००१ में जब महाकुम्भ लगा था तो मैं उस वक़्त इलाहाबाद में ही था। प्रमेन्द्र ने यादों को ताज़ा कर दिया।धन्यवाद।
sme snap are marvellous...good to remember me kumbh of world's behaviour...
अच्छा लगा चित्र ये देखे, फिर यादें ताजा हो आईंफिर आंखों में लगी घूमने,वो चौराहों की प्रभुताईशिव ,गणेश,हनुमान, राम के चित्र किया करते पथ रंगींऔर कहीं थी राधा मिलती और कहीं पर कॄष्ण कन्हाई
सुन्दर तस्वीरें... अर्धकुम्भ की और भी तस्वीरों का इन्तज़ार रहेगा।
आपने कुम्भ मैले के नजारे देखने का मौका दे दिया. साधूवाद.(आपने भूल से कृति को क्रति टंकित किया है,अन्यथा न ले यह मीनमेख निकालना नहीं है.)
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सत्र २०००-२००१ में जब महाकुम्भ लगा था तो मैं उस वक़्त इलाहाबाद में ही था। प्रमेन्द्र ने यादों को ताज़ा कर दिया।
धन्यवाद।
sme snap are marvellous...good to remember me kumbh of world's behaviour...
अच्छा लगा चित्र ये देखे, फिर यादें ताजा हो आईं
फिर आंखों में लगी घूमने,वो चौराहों की प्रभुताई
शिव ,गणेश,हनुमान, राम के चित्र किया करते पथ रंगीं
और कहीं थी राधा मिलती और कहीं पर कॄष्ण कन्हाई
सुन्दर तस्वीरें... अर्धकुम्भ की और भी तस्वीरों का इन्तज़ार रहेगा।
आपने कुम्भ मैले के नजारे देखने का मौका दे दिया. साधूवाद.
(आपने भूल से कृति को क्रति टंकित किया है,अन्यथा न ले यह मीनमेख निकालना नहीं है.)
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