(नोट : यह टिप्पणी प्रमेन्द्र प्रताप जी द्वारा मुझे ई-मेल द्वारा इस आदेश के साथ प्राप्त हुई है इसे इस पोस्ट पर टिप्पणी के रूप में प्रेषित की जाए, किसी भी तरह का सवाल-जवाब प्रमेन्द्र जी से ही किया जाए। :) स्माईली लगा दी है, कृपया अन्यथा ना लें)
आप सभी को कष्ट के लिये मै क्षमा माँगता हूँ।
चूकिं मेरी एक समस्या है कि मैं अपने कम्प्यूटर से नये ब्लागर का उपयोग नहीं कर पा रहा हूँ। न ही टिप्पणीं और न ही लेख की पोस्टिंग हो रही है। मैने आज झल खाकर बिना किसी लेख के ही दनादन दो तीन पोस्ट सेन्ड कर दिया, पर मेरे देखने मे वह सेन्ड नही हो रही थी और मेरा ध्यान भी इस ओर नही गया कि मेरा न लिखा हुआ पन्ना पोस्ट हो गया है।
चूकिं अभी कुछ देर पहने नारद पर आने पर दिखा कि कुछ अनहोनी हो गई है जिसकी मैने कल्पना भी नही की थी। जब मैने लिख कर सैकडों बार पोस्ट करने का प्रयास किया तो एक भी प्रयास सफल नही हुआ और जब बिना लिखे पोस्ट किया तो पोस्ट हो गया, मुझे अपने उपर अफसोश भी हुआ कि जो लिख के रखा था वह पोस्ट क्यों नही कर दिया? पर होनी को जो मंजूर था वही हुआ।
चूकिं मै इस पोस्ट को डिलीट भी नही कर सकता हूँ, क्योकि इस पर जीतू जी और प्रभाकर जी की टिप्पणी आ गई है। आप सभी को हुई असुविधा के लिये पुन: खेद है। मै अपने ब्लाग पर अभी भी कोई टिप्पणी नही कर पा रहा हूँ मेरी समस्या बरकरार है अत: मै टिप्पणी के लिये भी किसी की सहायाता ले रहा हूँ।
एक बात और अगर किसी सज्जन को इस लेख को पढ़ना हो तो एक ट्रिक से इसे पढ़ा जा सकता है इस पेज मे पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुर्शरफ के जीवन की कुद वे बाते है जो आपको उनकी किताब मे भी नही मिलेगी। इस पेज को पढने का तरीका है कि आप इसे शुद्ध देशी धी के उजाले मे पढे तो बाते एकदम स्पष्ट दिखाई देगा।
महाशक्ति के पेज मे भी दो प्रयोगार्थ से पोस्ट हुआ है मै उसे डिलीट कर दे रहा हूँ। आपको हुई अशुविधा के लिये खेद है।
भाई मन्नै लाग्गे सै परमेन्दर भाई ने या पोस्ट वा पराणे जमाने की ट्रिक तै लिक्खी होगी जिस म्ह स्याही आले पेन म्ह नींबू का रस घाल के लिखण तै लिख्या होया दिक्खै कोनी था, उसना देखण खातर फेर कागज ना मोमबती के ऊपर माड़ा सा गरम करणा पड्डा था।
जरुर परमेन्दर भाई नै कीबोर्ड म्ह नींबू का रस घाल्या होगा। इब या पोस्ट पढण खातर मॉनीटर नै आँच पा सेक क देक्खो।
6 comments:
इसमे लिखे क्या हो और पब्लिश क्या किए हो।
ये मि. इंडिया टाइप का लेख है क्या, या फिर स्पेशल क्लास वालों के लिए ही है।
बहुत बढ़िया ।
अमूर्त,निराकार यानि ब्रह्म ।
यह भाई प्रमेन्द्र की चित्रकारी का नमूना है, जिसे प्रथम पुरुस्कार के लिये नामांकित किया जाता है:
"हवा का चित्र"
--वाह वाह, बहुत खुब. ऐसे ही लगे रहो. :)
(नोट : यह टिप्पणी प्रमेन्द्र प्रताप जी द्वारा मुझे ई-मेल द्वारा इस आदेश के साथ प्राप्त हुई है इसे इस पोस्ट पर टिप्पणी के रूप में प्रेषित की जाए, किसी भी तरह का सवाल-जवाब प्रमेन्द्र जी से ही किया जाए। :) स्माईली लगा दी है, कृपया अन्यथा ना लें)
आप सभी को कष्ट के लिये मै क्षमा माँगता हूँ।
चूकिं मेरी एक समस्या है कि मैं अपने कम्प्यूटर से नये ब्लागर का उपयोग नहीं कर पा रहा हूँ। न ही टिप्पणीं और न ही लेख की पोस्टिंग हो रही है। मैने आज झल खाकर बिना किसी लेख के ही दनादन दो तीन पोस्ट सेन्ड कर दिया, पर मेरे देखने मे वह सेन्ड नही हो रही थी और मेरा ध्यान भी इस ओर नही गया कि मेरा न लिखा हुआ पन्ना पोस्ट हो गया है।
चूकिं अभी कुछ देर पहने नारद पर आने पर दिखा कि कुछ अनहोनी हो गई है जिसकी मैने कल्पना भी नही की थी। जब मैने लिख कर सैकडों बार पोस्ट करने का प्रयास किया तो एक भी प्रयास सफल नही हुआ और जब बिना लिखे पोस्ट किया तो पोस्ट हो गया, मुझे अपने उपर अफसोश भी हुआ कि जो लिख के रखा था वह पोस्ट क्यों नही कर दिया? पर होनी को जो मंजूर था वही हुआ।
चूकिं मै इस पोस्ट को डिलीट भी नही कर सकता हूँ, क्योकि इस पर जीतू जी और प्रभाकर जी की टिप्पणी आ गई है। आप सभी को हुई असुविधा के लिये पुन: खेद है। मै अपने ब्लाग पर अभी भी कोई टिप्पणी नही कर पा रहा हूँ मेरी समस्या बरकरार है अत: मै टिप्पणी के लिये भी किसी की सहायाता ले रहा हूँ।
एक बात और अगर किसी सज्जन को इस लेख को पढ़ना हो तो एक ट्रिक से इसे पढ़ा जा सकता है इस पेज मे पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुर्शरफ के जीवन की कुद वे बाते है जो आपको उनकी किताब मे भी नही मिलेगी। इस पेज को पढने का तरीका है कि आप इसे शुद्ध देशी धी के उजाले मे पढे तो बाते एकदम स्पष्ट दिखाई देगा।
महाशक्ति के पेज मे भी दो प्रयोगार्थ से पोस्ट हुआ है मै उसे डिलीट कर दे रहा हूँ। आपको हुई अशुविधा के लिये खेद है।
भाई मन्नै लाग्गे सै परमेन्दर भाई ने या पोस्ट वा पराणे जमाने की ट्रिक तै लिक्खी होगी जिस म्ह स्याही आले पेन म्ह नींबू का रस घाल के लिखण तै लिख्या होया दिक्खै कोनी था, उसना देखण खातर फेर कागज ना मोमबती के ऊपर माड़ा सा गरम करणा पड्डा था।
जरुर परमेन्दर भाई नै कीबोर्ड म्ह नींबू का रस घाल्या होगा। इब या पोस्ट पढण खातर मॉनीटर नै आँच पा सेक क देक्खो।
आप सभी के स्नेह के लिये धन्यवाद कि बिना लिखे ही इतनी अमूल्य टिप्पडि़याँ प्रदान की है।
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