5/08/2007

राजर्षि टंड़न मुक्त विवि का वार्षिकोत्‍सव

एक से बड़कर एक

मेरी फोटो मत खीचों

ये शहर मे रहने वाले जंगली है।
बुरा मान गये, भई मै तो मजाक कर रहा था :)

तारा चन्‍द्र

श्रुति बाजपेई मैम

मित्रों का झुंड

श्रोतागण (बाये से दूसरे श्री आरपीएस यादव सर)



मेरे मित्र

बी एन सिंह सर

कुलपति महोदय


राजर्षि के चित्र पर मार्ल्‍यापण
स्‍वागत गीत

उद्धोषक

4 comments:

Udan Tashtari said...

आप तो कहीं दिखे ही नहीं...बस फोटो खिंचते रह गये?

Pratik Pandey said...

फ़ोटो खींचने वालों के साथ अक्सर ऐसी दिक़्क़त हो जाती है। तस्वीरों में बस वे ही नज़र नहीं आते हैं। :)

Batangad said...

राजर्षि टंडन विश्वविद्यालय में पत्रकारिता के कोर्स की शुरुआत ही हमारे बैच के साथ हुई थी। अब देखकर अच्छा लगा लेकिन, कोई ऐसी फोटो नहीं दिखी जो, पूरे बैच की ताकत का अहसास दिला पाती। खैर, सबको शुभकामनाएं।

MEDIA GURU said...

bahut khushi hui. likin puri photo kyon nahi dali.........thanks

Total Posts and Comments

- Powered and Maintained by हिंदी होस्ट HindiHost.com The Professional Domain Hosting and Design by HindiHost.com