2/26/2007

सीतामढ़ी दर्शन

गंगा नदी का पावन तट

मेरे मित्र गण व भइया साथ मे अदिति

मेरे मित्र व मेरा परिवार

सीता माता की मूर्ति

विशालकाय हनुमान जी,

वह स्थान जहाँ सीता जी समाहित हुयी थी यह इलाहाबाद से 60 कि0मी0 वाराणसी की ओर पडता है यह बहुत ही पवित्र तीर्थस्थल है यहाँ बहुत दूर दूर से लोग आते है कुछ लोगो की मन्यता है कि बिठूर कानपुर के पास सीता जी समाहित हूई थी।

विशेष---- यह चित्र पहले यहॉं प्रकाशित हो चुका है, जब मै नया नया ब्‍लाग क्षेत्र मे आया था, तब मैने अनेकों ब्‍लाग बनाऐ थे, धीरे धीरे उन्‍हे समाप्‍त कर रहा हूँ, जिस पर कोई टिप्‍पणी नही आई थी। चूकिं इस पर भी कोई टिप्‍पणी नही थी इस लिये इसके लिये भी यही कर रहा हूँ।

3 comments:

Anonymous said...

एक साथ गंगा मैया, सीता माता, व हनुमानजी के दर्शन हो गए.

Udan Tashtari said...

वाह भाई, बहुत पूण्य दिलवा दिये. अब यहाँ टैग हुये हो, तो कुछ प्रसाद पाओ:

http://udantashtari.blogspot.com/2007/02/blog-post_25.html

अनुराग श्रीवास्तव said...

भैया प्रमेन्द्र,

तुमसे बहुत ईर्ष्या होती है. एक बार पहले तुमको $5000 मिले थे टिप्पणी में और आज यह ढ़ेर सारा ILU - ILU मिला है. संगम तट पर रहने का पुण्य कमा रहे हो.

इलाहाबाद में बहुत सी सुंदर इमारतें हैं जो तुम्हारे ब्लॉग पर आना चाहती हैं. जैसे उच्च न्यायालय, आनंद भवन, मिश्र भवन, हनुमान मंदिर (सिविल लाइंस), सीनेट हॉल, ईविंग क्रिश्चन कॉलेज, विश्वविद्यालय की साइंस फेकलटी की वो मीनार वाली इमारत और भी बहुत कुछ...

इलाहाबाद की फोटुयें देख कर हरी राम की पालक, सुलाखी की बालूसाही, फाफामऊ का पान और नेतराम की कचौड़ियों का स्वाद याद आ जाता है.

Total Posts and Comments

- Powered and Maintained by हिंदी होस्ट HindiHost.com The Professional Domain Hosting and Design by HindiHost.com